मुल्ला का दारुल इस्लाम
एल. आर. गाँधी
दारुल इस्लाम के लिए जेहाद में लगे काश्मीरी युवकों को ' मस्जिदों' से देश के विरुद्ध जेहाद के लिए उकसाया जाता है. क्योंकि शरियात को मानने वाले मौलवी इन युवकों को कुरआन में दिए सन्देश 'दारुल हर्ब' (काफिरों के राज्य ) के खिलाफ तब तक जेहाद के लिए उकसाते हैं ज़ब तक कि दारुल इस्लाम ( इस्लाम का राज्य) नासिर न हो जाए. मुहम्मद की आखिरी इच्छा भी यही थी... 'इब्ने अब्बास ने कहा जिस दिन रसूल मरे - वे मुझ से कह रहे थे , सारे अरब से काफिरों , यहूदियों और ईसाईयों को निकाल दो, उनके उपासना स्थलों को गिरा दो, और उनको कब्रिस्तान में बदल दो ..(.बुखारी- जिल्द ४ किताब ५६ हदीस ६६० ) पिछले छह दशक से यही सब ये इस्लामिक आतंकी कर रहे हैं - लगभग एक लाख लोग जिनमें अधिकाँश हिन्दू व् सुरक्षा कर्मी थे इन के आतंक का शिकार हुए . लाखों कश्मीरी हिन्दुओं को प्रताड़ित कर कश्मीर से भगा दिया गया. १२३ मंदिरों को मिस्मार कर दिया गया ... फिर भी हमारी सेकुलर सरकार इन आतंकियों को आर्थिक सहायता की भारी भरकम बिरयानी खिला खिला कर पाल रही है.आज कश्मीर समस्या से भारत की प्रभुसत्ता और भाईचारा लहुलुहान है. सारी समस्या की जड़ में नेहरु जी की देन धारा ३७० है जिसके तहत कश्मीर में किसी भी भारतीय के निवास पर प्रतिबन्ध है. कुछ ऐसी ही समस्या चीन को अपने मुस्लिम बहुल जिनजियांग उइगुर स्वायतशासी क्षेत्र में करनी पड़ रही है यहाँ मुस्लिम जनसँख्या ४०% है. चीन ने यहाँ हान्वंशी समुदाय को बसा कर मुस्लिमों को अल्पसंख्या में कर दिया, और अपने यहाँ कश्मीर समस्या को पैदा होने से पहले ही दफन कर दिया. इस क्षेत्र में इस्लामिक आतंकियों के 'दारुल इस्लाम' के जेहाद को चीन सख्ती से निपट रहा है... न की ईदी के तोहफे और आर्थिक बरियानी खिला खिला कर 'इस्लामिक आतंक ' को बढ़ावा दे रहा है.
देश कि मुस्लिम जनसँख्या वृद्धि दर ३५ % और अन्य समुदायों की मात्र १९% . जिस गति से भारत में मुस्लिम जनसँख्या में इजाफा हो रहा है- २०५० या २०६० आते आते हिन्दुस्तान भी अरब देशों की भांति ' दारुल इस्लाम' हो जाएगा और यहाँ 'शरिया के कानून लागु हो जाएंगे. नेहरु - गाँधी का बोया बबूल मज़हबी बरगद के रूप में हमारे सामने होगा और हाँ इन सेकुलर शैतानों को इस बरगद की मुंडेर के पास भी फटकने नहीं दिया जाएगा !!!!!!!.
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